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पंजाब से बिहार और मुंबई तक ढुलाई के लिए बिछी स्पेशल रेल लाइन, PM मोदी दिखाएंगे हरी झंडी

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पंजाब से बिहार व मुंबई तक ढुलाई के लिए बिछी स्पेशल लाइन

HARYANATV24:  लुधियाना से बिहार के सोननगर तक मालगाड़ियों के लिए स्पेशल रेल लाइन बिछाई जा चुकी है। पंजाब के न्यू खन्ना रेलवे स्टेशन से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मालगाड़ी को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर सकते हैं।

हालांकि आधिकारिक रूप से कार्यक्रम की तिथि अभी तय नहीं की गई लेकिन 7 फरवरी को आयोजन की तैयारियां चल रही हैं। इस रूट पर अन्य 13 स्टेशनों से भी हरी झंडी दिखाकर मालगाड़ियों को रवाना करवाया जाएगा। पंजाब से बिहार और मुंबई अब माल ढुलाई के लिए जुड़ने जा रहा है।

सिर्फ मालगाड़ियों के लिए बिछाई गई स्पेशल लाइन बनने से सवारी गाड़ियों की संख्या में भी इजाफा हो जाएगा। मौजूदा समय एक ही लाइन पर सवारी और मालगाड़ी दौड़ रही है। मालगाड़ियां अलग से दौड़ने से सवारी गाड़ियों की जहां स्पीड बढ़ा दी जाएगी वहीं नई ट्रेनें भी मिलनी शुरू हो जाएंगी।

मोदी के कार्यक्रम को लेकर अधिकारी कार्यक्रम स्थल पर कितने लोगों की उपस्थिति हो सकती है इसे लेकर भी आकलन लगाकर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेज रहे हैं।

बता दें इन स्टेशनों का नामकरण कर दिया गया है। सभी स्टेशनों के नाम के आगे न्यू शब्द लगा दिया गया है। छह स्टेशन पंजाब में, एक उत्तर प्रदेश और सात हरियाणा में तैयार कर दिए गए हैं।

साहनेवाल से खुजरा तक 401 किमी लाइन बिछाई गई है। खुजरा से दादरी तक 46 किमी और खुजरा से सोन नगर 890 किमी। इस तरीके से 1337 किमी का यह प्रोजेक्ट 100 प्रतिशत पूरा हो चुका है।इसी तरह वेस्टर्न कोरिडोर 938 किमी लाइन बिछाई जा चुकी है।

सनंद से मकरपुरा तक 138 किमी तक, मकरपुरा से न्यू घोलवड तक 238 किमी, न्यू घोलवड से वैतराना तक 83 किमी, वैतराना से जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण तक लाइन बिछाई जानी है। मुंबई में रेल लाइन बिछाने के लिए जमीन अधिग्रहण में समय लगा इसलिए 109 किमी तक का प्रोजेक्ट देर से शुरू हो पाया।

मालगाड़ियों की स्पीड कम होने या फिर इनके लेट होने के कई कारण हैं। कई बार महत्वपूर्ण ट्रेनों को क्रास करवाने के लिए इन मालगाडियों को रोक दिया जाता है। जब यह ट्रेन क्रास नहीं हो जाती, तब तक इनको चलाया नहीं जाता।

इसी तरह कई बार इन ट्रनों को यार्ड में रोका जाता है, जहां वह कईं घंटों तक रुकी रहती है। इसी कारण यह ट्रेनें लेट होती जाती है। इसका असर इनकी स्पीड पर भी पड़ता है।

प्रोजेक्ट की बात करें तो उत्तर प्रदेश में 1058 किमी, हरियाणा में इस प्रोजेक्ट के लिए 72 किमी, पंजाब में 88 किमी, उत्तर प्रदेश में 1058 किमी, बिहार में 239 किमी, झारखंड में 196 किमी और पश्चिम बंगाल में 203 किमी रेल लाइन है।

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