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SBI से लोन लेने वालों ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा बोझ, बढ़ेगी चिंता

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State Bank से लोन लेने वालों की बढ़ी चिंता

HARYANATV24: भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने बुधवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नियमों को कड़ा किये जाने से बैंक के असुरक्षित माने जाने वाले कर्ज देने के मामलों में कमी आएगी।

खारा ने कहा कि उच्च जोखिम भार के कारण दिसंबर तिमाही में शुद्ध ब्याज मार्जिन पर 0.02 प्रतिशत से 0.03 प्रतिशत का प्रभाव पड़ेगा। लेकिन सही तस्वीर अगली तिमाही में उभरेगी।

क्रेडिट कार्ड के जरिये Loan लेना महंगा होगा

उल्लेखनीय है भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिये व्यक्तिगत और क्रेडिट कार्ड कर्ज जैसे असुरक्षित माने जाने वाले ऋण के नियमों को कड़ा किये जाने की घोषणा की।

संशोधित मानदंड में जोखिम भार में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। उच्च जोखिम भार का मतलब है कि व्यक्तिगत कर्ज के मामले में बैंकों को अलग से ज्यादा राशि का प्रावधान करना होगा।

इससे बैंक किसी प्रकार के दबाव की स्थिति में उससे निपटने में ज्यादा सक्षम होंगे। साथ ही इस कदम से लोगों के लिये व्यक्तिगत कर्ज और क्रेडिट कार्ड के जरिये ऋण लेना महंगा होगा।

ऐसे कर्ज पर ब्याज दरें भी बढ़ेंगी

उन्होंने उद्योग मंडल फिक्की और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के संयुक्त रूप से आयोजित सालाना एफआई-बीएसी कार्यक्रम के दौरान अलग से बातचीत में कहा, ‘‘हम जो भी कर रहे थे, वह जारी रहेगा। लेकिन उसमें कुछ कमी आएगी।'' खारा ने कहा कि कोष की लागत बढ़ने के साथ-साथ ऐसे कर्ज पर ब्याज दरें भी बढ़ेंगी।

बड़ी एनबीएफसी को बैंक कर्ज पर जोखिम भारांक भी 25 आधार अंक बढ़ाया गया है। नए नियम नए और बकाया दोनों तरह के कर्ज पर लागू हैं।

आरबीआई के गवर्नर दास ने कहा कि हालिया कदमों का लक्ष्य सस्टैनिबिलिटी है। दास ने यह भी याद दिलाया कि नियामक ने उन क्षेत्रों को इससे अलग रखा है, जो उच्च जोखिम भारांक से वृद्धि को आगे ले जाने के मामले में अहम हैं।

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