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साल का आखिरी सूर्य-चंद्र ग्रहण इसी महीने में, महीने के अंत में भारत में ये दो दिन देगा दिखाई

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solar eclipse and lunar eclipse

HARYANATV24: अक्टूबर माह में खगोल की अद्भुत घटनाएं होने वाली हैं। अगले 15 दिनों के भीतर सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण दोनों होंगे। एक सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण पहले ही अप्रैल और मई के महीने में लग चुके हैं। अक्टूबर माह में इस साल के दूसरे और आखिरी सूर्यग्रहण व चंद्रग्रहण होंगे।

किसी भी ग्रहण को वैज्ञानिक रूप से खगोलीय घटना माना जाता है, हालांकि भारत में इसे धार्मिक घटना माना जाता है और ग्रहण से पहले सूतक के नियम लागू हो जाते हैं, जिसमें धार्मिक क्रियाकलापों पर पाबंदी होती है।

इस साल का दूसरा सूर्यग्रहण 14 अक्टूबर दिन शनिवार को लगेगा। सूर्यग्रहण तब लगता है, जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है। ये ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। इस ग्रहण में चंद्रमा सूर्य को इस प्रकार से ढक लेता है कि सूर्य का केवल मध्य भाग ही छाया क्षेत्र में आता है। ऐसे में सूर्य एक कंगन की तरह दिखाई देता है। इसे रिंग आफ फायर कहा जाता है।

गायत्री ज्योतिष अनुसंधान संस्थान कुरुक्षेत्र के संचालक डा. रामराज कौशिक के अनुसार अक्टूबर में दिखने वाला ये सूर्यग्रहण भारतीय समय के अनुसार रात को आठ बजकर 34 मिनट से शुरू होगा और मध्यरात्रि दो बजकर 25 मिनट तक रहेगा।

इसे उत्तरी अमेरिका, कनाडा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, ग्वाटेमाला, मैक्सिको, अर्जेटीना, कोलंबिया, क्यूबा, बारबाडोस, पेरु, उरुग्वे, एंटीगुआ, वेनेजुएला, जमैका, हैती, पराग्वे, ब्राजील, डोमिनिका और बहामास में देखा जा सकेगा। भारत में ये नहीं दिखेगा।

डा. रामराज के अनुसार चूंकि भारत में ये सूर्यग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक के नियम भी यहां लागू नहीं होंगे। सूतक के नियम वहीं मान्य होते हैं, जहां ग्रहण दिखाई पड़ता है। सूतक काल ग्रहण के पहले का वह अशुभ समय होता है, जिसमें पृथ्वी का वातावरण हानिकारक किरणों के कारण प्रदूषित हो जाता है।

साल का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण 28 और 29 अक्टूबर की मध्यरात्रि में लगने जा रहा है। यह ग्रहण 28 अक्टूबर को रात को एक बजकर पांच मिनट से लगेगा और रात दो बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगा। इस ग्रहण को भारत में भी देखा जा सकेगा।

चूंकि ये चंद्रग्रहण भारत में भी दिखेगा, इसलिए सूतक के नियम भी यहां लागू होंगे। सूतक काल 28 अक्टूबर की शाम चार बजकर पांच मिनट पर शुरू हो जाएगा। सूतक काल में पूजा-पाठ करने की मनाही होती है।

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