क्या है HMPV Virus, ठंड में क्यों फैलता है ये वायरस, किन लोगों को है ज्यादा खतरा, जानें सबकुछ
HARYANATV24: देश में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेते हुए पीजीआई ने लोगों से बचाव के मानकों का पालन करने की अपील की है। यह श्वास संबंधी वायरस है जो ठंड के दौरान फैलता है।
इसमें अक्सर इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण खांसी बुखार और गले में खराश होती है। यह सभी आयु वर्ग को प्रभावित करता है। लेकिन विशेष रूप से छोटे बच्चों और बुजुर्गों में इस संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। लोगों को भीड़ वाली जगह से दूर रहने, हाथ धोने और मास्क पहनने की सलाह दी है।
क्या है एचएमपीवी जान लें
एचएमपीवी इंसानों की श्वसन प्रक्रिया पर प्रभाव डालने वाला वायरस है। इसकी पहली बार पहचान 2001 में हो गई थी। तब नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने इसका पता लगाया था। यह पैरामाइक्सोविरीडे परिवार का वायरस है। श्वसन संबंधी अन्य वायरस की तरह यह भी संक्रमित लोगों के खांसने-छींकने के दौरान उनके करीब रहने से फैलता है। कुछ स्टडीज में दावा किया गया है कि यह वायरस पिछले छह दशकों से दुनिया में मौजूद है।
एचएमपीवी का किस पर कितना असर?
-मुख्य तौर पर बच्चों पर असर डालता है। हालांकि, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों और बुजुर्गों पर भी इसका प्रभाव दर्ज किया गया है।इस वायरस की वजह से लोगों को सर्दी, खांसी, बुखार, कफ की शिकायत हो सकती है। ज्यादा गंभीर मामलों में गला और श्वास नली के जाम होने से लोगों के मुंह से सीटी जैसी खरखराहट भी सुनी जा सकती है।
-कुछ और गंभीर स्थिति में इस वायरस की वजह से लोगों को ब्रोंकियोलाइटिस (फेफड़ों में ऑक्सीजन ले जाने वाली नली में सूजन) और निमोनिया (फेफड़ों में पानी भरना) की स्थिति पैदा कर सकता है। इसके चलते संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है।
- कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण आम फ्लू से मिलते-जुलते हैं, इसलिए इन दोनों में अंतर बता पाना मुश्किल है। हालांकि, जहां कोरोना वायरस की महामारी हर सीजन में फैली थी। वहीं, एचएमपीवी अब तक मुख्यतः मौसमी संक्रमण ही माना जा रहा है। हालांकि, कई जगहों पर इसकी मौजूदगी पूरे साल भी दर्ज की गई है।
क्या हो सकता है खतरा
कोरोना के इतर इस वायरस के कारण ऊपरी और निचले दोनों श्वसन पथ में संक्रमण का खतरा हो सकता है। सामान्य मामलों में इस वायरस का असर तीन से पांच दिन तक रहता है।