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स्कूली शिक्षा को लेकर केंद्र सरकार ने कौन से बड़े बदलावों की घोषणा की, पढ़िए ये खबर

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स्कूली शिक्षा-परीक्षा में बड़े बदलाव

HARYANATV24: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों को लागू करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूली शिक्षा-परीक्षा को लेकर महत्वपूर्ण घोषणाएं की है। मंत्रालय ने बुधवार, को जारी किए अपडेट के अनुसार बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन अब साल में दो बार किया जाएगा। साथ ही, स्टूडेंट्स को छूट दी जाएगी कि वे दोनों ही सत्रों की परीक्षाओं में से बेस्ट मार्क्स को फाइनल मान सकते हैं। इसके अतिरिक्त मंत्रालय ने बोर्डों से कहा है कि वे ऑन-डिमांड परीक्षाओं को आयोजित करने की क्षमता विकसित करें। 

बता दें कि अभी तक केंद्रीय बोर्ड हो या राज्यों के बोर्ड सभी की परीक्षाएं वर्ष में एक बार ही आयोजित की जाती हैं। हालांकि, स्कूलों द्वारा इंटर्नल एसेंसमेंट और अर्ध-वार्षिक परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं।

 

शिक्षा मंत्रालय ने नए एग्जाम पैटर्न आधारित बोर्ड परीक्षाएं स्टूडेंट्स की विषयों को लेकर समझ और उनकी प्रतिस्पर्धात्मक उपलब्धियों (Achievement of Competencies) का मूल्यांकन करेंगी। मंत्रालय ने माना कि फिलहाल बोर्ड परीक्षाएं महीनों तक किए गए कोचिंग से हुई तैयारियों और छात्रों की याद करने की क्षमता ही परख पाती हैं।

स्ट्रीम चुनने का प्रतिबंध नहीं

शिक्षा मंत्रालय द्वारा किए गए बड़े बदलावों के अंतर्गत कक्षा 11 और कक्षा 12 के स्टूडेंट्स को अब स्ट्रीम चुनने की बाध्यता को हटा दिया गया है। ऐसे में छात्र-छात्राओं को इन कक्षाओं में अपने पंसद के विषय चुनने की छूट होगी। फिलहाल सभी बोर्डों के करिकुलम के अनुसार स्टूडेंट्स साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स, वोकेशनल, आदि में से किसी एक का चुनाव करना होता है। साथ ही, स्टूडेंट्स को इन दोनों ही कक्षाओं में दो लैंग्वेज के सब्जेक्ट चुनने होंगे, जिसमें से एक भारतीय भाषा होना चाहिए।

नया पैटर्न 2024 से होगा लागू

शिक्षा मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार नया करिकुलम फ्रेमवर्क तैयार कर लिया गया है और इनके अनुसार किताबें 2024 सत्र के लिए तैयार की जाएंगी। ऐसे में बोर्ड परीक्षाओं को लेकर की गई घोषणा वर्ष 2024-25 से लागू किए जाएंगे।

 

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