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राजस्थान सीएम पद पर बाबा बालकनाथ की दावेदारी मजबूत, गृहमंत्री अमित शाह से हुई मुलाकात

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बाबा बालकनाथ की राजस्थान सीएम पद पर दावेदारी मजबूत

HARYANATV24: राजस्थान में सीएम की कुर्सी को लेकर तिजारा विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित होने के बाद अस्थल बोहर स्थित बाबा मस्तनाथ मठ के महंत बालकनाथ योगी की दावेदारी लगातार मजबूत होती जा रही है।

बाबा ने लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा देने के साथ-साथ दिल्ली में सक्रियता बढ़ी हुई है। गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद अटकलों का बाजार गरम हो गया।

सीएम पद के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और बाबा बालकनाथ का भी नाम सबसे ऊपर आ रहा है। हालांकि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने सीएम के चयन को लेकर पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है। ऐसे में राजस्थान के सीएम के लिए नाम शनिवार और रविवार तक घोषित किया जा सकता है।

बाबा मस्तनाथ मठ नाथ संप्रदाय का बड़ा केंद्र है। इस मठ की राजनीति में भी बड़ी भागीदारी रही है। बाबा बालकनाथ मठ से तीसरे महंत हैं, जो सक्रिय राजनीति में हैं। 2019 में अलवर लोकसभा से सांसद निर्वाचित हुए। अब राजस्थान विधानसभा चुनाव में बाबा बालकनाथ को तिजारा विधानसभा सीट से मैदान में उतरा।

बाबा ने इस सीट पर कमल खिलाने के साथ ही राजस्थान के सीएम पद के दावेदार हो गए। चुनाव प्रचार के दौरान उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ उनको सीएम बनाने की पैरवी पहले ही कर चुके हैं।

राजनीतिक समीक्षकों की मानें तो उत्तरप्रदेश के बाद राजस्थान में भी साधु को सीएम बनाकर भाजपा 2024 लोकसभा चुनाव में इसका फायदा उठा सकती है। राजनीति के खिलाड़ी हैं बालक नाथ 39 वर्षीय बाबा बालक नाथ ने राजनीतिक गुर अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत चांदनाथ योगी से सीखे। महंत चांदनाथ ने बाबा बालकनाथ को 29 जुलाई 2016 को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था।

महंत चांदनाथ के ब्रह्मलीन होने के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और योग गुरु बाबा रामदेव की मौजूदगी में 19 सितंबर 2017 को बाबा मस्तनाथ मठ का मठाधीश घोषित किया गया था। चांदनाथ अलवर से सांसद थे। 2019 में भाजपा ने अलवर से बालकनाथ को मैदान में उतारा और वह जीतकर सांसद बन गए।

जब विधानसभा चुनाव में उतारा तो कयास लगने शुरू हो गए थे कि भाजपा बहुमत में आई तो बाबा बालकनाथ सीएम बन सकते हैं। बाबा बालकनाथ को जब भी राजनीति में कोई अवसर मिला, उसे हाथ से नहीं जाने दिया। राजनीतिक सूझबूझ का परिचय दिया है।

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