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वायनाड लोकसभा सीट पर प्रियंका गांधी ने CPI के सत्यन मोकेरी को 4.10 लाख वोटों से हराया।

14 राज्यों की 46 विधानसभा और 2 लोकसभा (वायनाड, नांदेड़) सीटों पर काउंटिंग पूरी हो चुकी है।
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14 राज्यों की 46 विधानसभा और 2 लोकसभा (वायनाड, नांदेड़) सीटों पर काउंटिंग पूरी हो चुकी है।

NEWSUPDATE: वायनाड लोकसभा सीट पर प्रियंका गांधी ने CPI के सत्यन मोकेरी को 4.10 लाख वोटों से हराया। भाजपा की नव्या हरिदास (1.09 लाख वोट) तीसरे नंबर पर रहीं।

प्रियंका अपने बड़े भाई राहुल गांधी के 5 साल पुराने जीत का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाईं। राहुल ने 2019 के लोकसभा चुनाव में CPI(M) के पीपी सुनीर को 4.31 लाख वोटों के अंतर से हराया था।

सबसे चौंकाने वाला उलट-फेर उत्तर प्रदेश की कुंदरकी सीट पर हुआ। 60% मुस्लिम वोटर वाली इस सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) समेत सभी 11 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई।

महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट पर कांग्रेस के रविंद्र चव्हाण ने भाजपा के संतुक हंबार्डे को 1457 वोट से हरा दिया।

यहां आखिरी राउंड की गिनती में रात 10 बजे के करीब परिणाम घोषित हुआ।

मध्य प्रदेश की विजयपुर सीट पर कांग्रेस से भाजपा में आए वन मंत्री रामनिवास रावत हार गए। वहीं,

उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों में से भाजपा गठबंधन को 7 और सपा को 2 सीटों पर जीत मिली।

46 सीटों में से भाजपा गठबंधन 25, कांग्रेस 7, TMC 6, सपा 2, AAP 3, CPI(M), नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) और भारत आदिवासी पार्टी (BAP) 1-1 सीट जीती। भाजपा गठबंधन में JD(U), हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (HAM), असम गण परिषद (AGP), यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी-लिबरल (UPPL) और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) शामिल हैं।

चुनाव से पहले इन 46 सीटों में से 27 सीटों पर विपक्ष का कब्जा था। इनमें अकेले कांग्रेस के पास 13 सीटें थीं। वहीं, भाजपा की 11 सीटों समेत NDA के पास कुल 17 सीटें थीं। इस तरह से भाजपा गठबंधन को कुल 8 सीटों का फायदा है।

उत्तर प्रदेश: सपा 4 से 2 पर आई, बसपा सिर्फ 2 पर जमानत बचा पाई

उपचुनाव की 9 सीटों में से 7 भाजपा गठबंधन ने जीतीं। दो सीटें सीसामऊ और करहल पर सपा ने जीत हासिल की।

पूर्व CM मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सिर्फ 2 सीटों (कटेहरी और मझवां) पर ही अपनी जमानत बचा सकी। इससे पहले भाजपा 4, RLD 1 और सपा 4 सीटों पर काबिज थी।

मुरादाबाद जिले की मुस्लिम बहुत कुंदरकी सीट पर 31 साल बाद भाजपा ने अपना परचम लहराया।

रामवीर सिंह ने यहां से 1.44 लाख वोटों से जीत हासिल की। यह इस चुनाव की सबसे बड़ी जीत है।

यह तीसरी बार था जब रामवीर सिंह और रिजवान के बीच मुकाबला हुआ था, लेकिन रामवीर को पहली बार जीत मिली।

भाजपा के लिए भी यह जीत कई मायनों में ऐतिहासिक है।

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