पंजाब के कर्ज की बात नहीं करनी चाहिए क्योंकि पिछली अकाली-भाजपा और कांग्रेस सरकारों ने हमें 3 लाख करोड़ का कर्ज विरासत में दिया है
Punjab के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित द्वारा सरकार को लिखी गई चिट्ठी पर प्रतिक्रिया देते हुए
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि राज्यपाल को पंजाब के कर्ज की बात नहीं करनी चाहिए क्योंकि पिछली अकाली-भाजपा और कांग्रेस सरकारों ने हमें 3 लाख करोड़ का कर्ज विरासत में दिया है।
हरपाल चीमा ने कहा कि अकाली-भाजपा और कांग्रेस सरकार द्वारा पंजाब पर चढ़ाए करीब 3 लाख करोड़ रुपए के कर्ज के ब्याज के रूप में हमें हजारों करोड़ रुपए चुकाने पड़ रहे हैं।
कर्ज की किस्त और ब्याज चुकाने के बावजूद ‘आप’ सरकार पंजाब के लोगों के कल्याण के लिए काफी अच्छा काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि गवर्नर को इसलिए चिट्ठी लिखी गई है क्योंकि वह बार-बार पंजाब सरकार को चिट्ठी लिखते हैं।
गवर्नर का बयान कि ‘यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है’, का जवाब देते हुए चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार ने कई बार केंद्र सरकार को आर.डी.एफ. का फंड रिलीज करने के लिए चिट्ठी लिखी।
खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान केंद्रीय मंत्री से मुलाकात कर इसकी मांग कर चुके हैं लेकिन केंद्र सरकार से कोई जवाब नहीं मिलने के कारण पंजाब सरकार को मजबूर होकर सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा।
चीमा ने राज्यपाल को याद दिलाया और कहा कि हमें तो बजट सैशन बुलाने के लिए भी सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा था।
अगर राज्यपाल केंद्र सरकार से बात कर आर.डी.एफ. का पैसा दिलवा देते हैं तो पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले लेगी।
उन्होंने राज्यपाल से अपील करते हुए कहा कि कई सालों से आर.डी.एफ. का पैसा नहीं मिलने के कारण पंजाब के ग्रामीण इलाकों के विकास कार्य में काफी बाधा उत्पन्न हो रही है।
अगर राज्यपाल को सच में पंजाब की चिंता है तो वह पंजाब के राज्यपाल होने का अपना फर्ज निभाएं और केंद्र सरकार से बात कर आर.डी.एफ. का करीब 5000 करोड़ बकाया राशि दिलवाने में पंजाब सरकार की मदद करें।