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पंजाब: 8 जिलों में बाढ़सेहालात नाजुक, रोपड़ और तरनतारन में बांध टूटे, गुरदासपुर के कई गांव डूबे

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बाढ़ से हालात नाजुक

पंजाब के 8 जिले बाढ़ की चपेट में आए गए हैं। भाखड़ा डैम के फ्लड गेट खोले जाने से सतलुज नदी के बढ़े जलस्तर ने रूपनगर में असर दिखाया है। वहीं पौंग डैम से छोड़े पानी ने होशियारपुर, गुरदासपुर, कपूरथला के बाद अब अमृतसर, तरनतारन और फिरोजपुर को अपनी चपेट में ले लिया है।

पौंग डैम से छोड़े पानी से गुरदासपुर में सबसे अधिक मार देखने को मिल रही है। वहीं होशियारपुर के कई गांवों को खाली करवाया जा चुका है। कपूरथला के विधानसभा क्षेत्र भोलाथ के गांवों में कई मवेशी बाढ़ के पानी में बह गए। वहीं अब ब्यास ने अमृतसर, तरनतारन व फिरोजपुर में भी असर डालना शुरू कर दिया है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान पंजाब में बाढ़ के हालातों पर राज्य के लोगों को 11 बजे संबोधित करेंगे।

अमृतसर में बाढ़ के हालातों के बीच चलाया गया रेस्क्यू ऑपरेशन।

अमृतसर में बाढ़ के हालातों के बीच चलाया गया रेस्क्यू ऑपरेशन।

कपूरथला के भोलाथ एरिया में चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन।

कपूरथला के भोलाथ एरिया में चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन।

पौंग डैम में 20 हजार क्यूसेक पानी घटाया

डीसी गुरदासपुर हिमांशू अग्रवाल ने लोगों को सुरक्षित जगह पर रहने की हिदायत दी है। डीसी गुरदासपुर ने जानकारी दी कि पौंग डैम से तकरीबन 20 हजार क्यूसेक पानी को छोड़ना कम किया गया है। जिसके बाद गुरदासपुर व बाढ़ ग्रस्त एरिया में 9 इंच तक पानी कम हुआ है। शाम तक और भी अधिक पानी कम होने के आसार हैं।

अमृतसर में ब्यास 744 गेज तक पहुंचा

अमृतसर के गांव शेरोबागा के घर पानी की चपेट में आ गए। जिसके बाद शाम लोगों को रेस्क्यू करने का काम शुरू किया गया। NDRF की टीमों ने इस दौरान मोर्चा संभाला और 26 लोगों को 30 पालतू जानवरों को सुरक्षित निकाला। इसी दौरान गांव के गुरुघर में रखे श्री गुरु ग्रंथ साहिब को भी सम्मान सहित सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है।

अमृतसर के ब्यास में नदी खतरे के निशान 744 गेज को छू गई है, वहीं ब्यास नदी में पानी का बहाव 1.40 लाख क्यूसेक आंका जा रहा है। अमृतसर से आगे तरनतारन व फिरोजपुर में भी ब्यास का असर दिखने लगा है। तरनतारन में गांव धुंदा में धुस्सी बांध टूट गया है। जिससे 15 हजार एकड़ जमीन पानी में डूब गई है।

नंगर के करीब पानी घरों व खेतों को अपनी चपेट में ले चुका है।

नंगर के करीब पानी घरों व खेतों को अपनी चपेट में ले चुका है।

भाखड़ा का पानी सतलुज में आने के बाद रूपनगर में कई जगह पर धुस्सी बांध टूट गए। गांव बुर्ज में भी बांध टूटने के बाद हालातों को काबू पाने का प्रयास जारी है। मंत्री हरजोत बैंस ने जानकारी दी कि बांधों को मजबूत करने का काम जारी है। 1 लाख बोरी मिट्‌टी की भरी गई है।

गांव चंदपुर बेले में रेस्क्यू काम शुरू
रूपनगर के गांव चंदपुर बेले का रास्ता टूटने से गांव से संपर्क टूट गया था। लेकिन अब सहायता के लिए टीमें वहां पहुंच चुकी हैं। मंत्री बैंस ने बताया कि लोगों तक जरूरी सामान पहुंचाया जा रहा है। गांव रामगढ़ बेला और पट्‌टी शेक सिंह में भी रेस्क्यू का काम तेजी से चल रहा है। सीएम भगवंत मान खुद पूरे काम को मॉनिटर कर रहे हैं।

होशियारपुर के मुकेरियां में कई गांव इस समय बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं।

होशियारपुर के मुकेरियां में कई गांव इस समय बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं।

गांव सैंसोवाल व हरसाबेला में खतरा अभी भी बना हुआ है। इन दोनों गांवों तक आर्मी की टीमें भी भेजी जा रही हैं। मंत्री बैंस ने बताया कि अगले 4 दिनों तक BBMB कंट्रोल्ड पानी छोड़ रहे हैं। यही कारण है कि सुबह पानी का स्तर अधिक होता है, लेकिन शाम होते-होते कम होने लगता है।

गुरदासपुर के 50 गांव बाढ़ की चपेट में
पौंग बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद गुरदासपुर जिले में ब्यास नदी ने लगभग 50 गांवों पर असर किया है। बाढ़ के कारण दीनानगर, गुरदासपुर और काहनूवान क्षेत्रों में लगभग 50 गांव जलमग्न हो गए हैं। जिनमें से लगभग 12 गांव विशेष रूप से गंभीर बाढ़ का सामना कर रहे हैं।

गुरदासपुर में 15 नावों वाली टीमों ने 500 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला और 100 से अधिक लोगों को जिंदा बचाया है। सबसे अधिक प्रभावित गांवों में चिचिया चोरोइया, पखोवाल, दाऊवाल, खैरा, दलेरपुर, पदाना, चिन्ना बैत, नडाला, जगपुर कलां, कोहलियान और खारियान शामिल हैं।

गुरदासपुर एरिया में रेस्क्यू के दौरान आर्मी की टीमें लोगों को सुरक्षित निकालते हुए।

गुरदासपुर एरिया में रेस्क्यू के दौरान आर्मी की टीमें लोगों को सुरक्षित निकालते हुए।

पौंग डैम ने पानी की निकासी घटाई
ब्यास नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण गुरदासपुर में धुस्सी बांध टूट गया। जिससे जगतपुर टांडा और भैन पसवाल क्षेत्र प्रभावित हुए। गुरदासपुर DC हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि पौंग बांध से पानी छोड़ना दोपहर तक कम कर दिया गया था, जिसके बाद अब उम्मीद है कि जलस्तर कम होने लगेगा।

होशियारपुर में भी जारी रेस्क्यू ऑपरेशन
होशियारपुर DC कोमल मित्तल बार-बार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कह रही हैं। मुकेरियों के गांव मेहताबपुर के अलावा हलेर, मोतला, बेला सरियाणा, कोलियां में भी बाढ़ के हालातों पर नजर रखी जा रही है। NDRF और SDRF की टीमें लगातार इलाके में हैं और बाढ़ग्रस्त इलाकों तक जरूरी सामान पहुंचाया जा रहा है।

गुरदासपुर में बाढ़ के हालात दिखाती तस्वीर।

गुरदासपुर में बाढ़ के हालात दिखाती तस्वीर।

भाखड़ा का पानी 2 फीट हुआ कम
भाखड़ा डैम का आज का जलस्तर 1676.45 फीट पर जा पहुंचा है, जो बीते दिनों से 2 फीट और खतरे के निशान से 4 फीट कम है। भाखड़ा डैम में पानी की आमद 54887 क्यूसेक दर्ज की गई। जबकि भाखड़ा डैम से टरबाइनो व फ्लड गेट्स के माध्यम से 79195 क्यूसेक पानी ही छोड़ा गया। वहीं गेट तकरीबन 2 फीट खोले गए हैं और पानी को कंट्रोल्ड छोड़ा जा रहा है, ताकि पंजाब में इसका अधिक नुकसान ना हो।

नंगल डैम से नंगल हाइडल नहर में 12350 क्यूसेक, आनंदपुर साहिब हाइडल नहर में 10150 क्यूसेक जबकि सतलुज दरिया में 56900 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। नंगल डैम से 79400 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। पौंग डैम अभी भी खतरे के निशान के करीब है। BBMB से मिली जानकारी के अनुसार यहां से 1.40 क्यूसेक के करीब पानी लगातार छोड़ा जा रहा है।

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