Punjab: SC-ST एक्ट को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, सार्वजनिक जगहों पर हो टिप्पणी तभी माना जाएगा अपराध
HARYANATV24: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने यह साफ कर दिया कि किसी व्यक्ति का अपमान या धमकी एससी एसटी एक्ट के तहत अपराध नहीं होगी, जब तक कि ऐसी टिप्पणी सार्वजनिक स्थान पर नहीं की जाती।
जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा कि एक्ट के तहत अपराध गठित करने के लिए अपमान या धमकी अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से संबंधित पीड़ित के कारण होनी चाहिए।
इसके अलावा, परविधान का अन्य महत्वपूर्ण घटक सार्वजनिक दृश्य के भीतर अपमान या धमकी किसी भी स्थान पर होनी चाहिए। हाई कोर्ट के जस्टिस दीपक गुप्ता ने विशेष न्यायाधीश, लुधियाना के आदेश के खिलाफ की गई अपील पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।
ये है मामला
याची ने लुधियाना कोर्ट के सामने हत्या और एससी एसटी एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत जातिवादी टिप्पणी पारित करने के अपराध में अग्रिम जमानत की मांग की थी जिसे जिसे खारिज कर दिया गया था।
यह आरोप लगाया गया कि अपीलकर्ता ने बैंक्वेट हाल खरीदने के लिए सेवक सिंह को औकात बताकर जातिवादी टिप्पणी की। उसके बाद अपीलकर्ता के पति ने अपनी कार से सेवक सिंह को मारकर गंभीर चोटें पहुंचाईं, जिसके परिणामस्वरूप उनकी मृत्यु हो गई।
आरोप है कि जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया गया, बिना यह बताए कि किन शब्दों का इस्तेमाल किया गया। इसमें कहा गया किसी विशेष जाति का खुलासा नहीं किया गया। अन्यथा कथित जातिवादी शब्द बैंक्वेट हाल में कहे गए, यानी सार्वजनिक दृश्य के किसी भी स्थान पर नहीं। उपरोक्त के आलोक में हाई कोर्ट ने राहत दी और निर्देश दिया कि उसकी गिरफ्तारी की स्थिति में कुछ शर्तों के अधीन जमानत दी जाएगी।