पंजाब में पंचायतें भंग करने पर भड़के सिद्धू बोले- 6 महीने का बचा था कार्यकाल, लोकतांत्रिक ढांचा कमजोर किया
पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा नगर पंचायतों को समय से 6 महीने पहले भंग करने के फैसले पर कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धू भड़क गए। उन्होंने ट्वीट शेयर करके गुस्सा जाहिर किया है।
नवजोत सिंह सिद्धू ने लिखा- "आम आदमी पार्टी ने पंजाब की नगर पंचायतों को उनके कार्यकाल की समाप्ति से 6 महीने पहले असंवैधानिक रूप से भंग करके हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर कर दिया है। यह पंजाब के लोगों के साथ धोखा है। यह पंजाबियों के गौरव पर हमला है। नगर पंचायतें स्थानीय सरकारों की जड़ें हैं और उनका विघटन लोगों के अधिकारों का उल्लंघन है, पंजाब सरकार का यह अलोकतांत्रिक रवैया स्वीकार्य नहीं है"।
नकाबपोशों के असली चेहरे से रूबरू होकर भारत के संविधान का हवाला देकर दिल्ली अध्यादेश पर सहानुभूति मांगने वाली पार्टी पंजाब में संवैधानिक मूल्यों को नष्ट कर रही है। सरपंचों के वित्तीय सशक्तिकरण का वादा करके सत्ता में आए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बिजली के लिए पिछली सरकार द्वारा शुरू किए गए कार्यों का शिलान्यास करके उसी संघीय ढांचे की नींव का मजाक उड़ाया है। जनता को गुमराह करने का एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। सारा विकास ठप है।
कांग्रेस सरकार द्वारा 73वें और 74वें संवैधानिक संशोधनों ने पंचायती राज को संवैधानिक शक्तियां प्रदान कीं, साथ ही पंचायतों के अधिकारों को कानूनी सुरक्षा भी प्रदान की। प्रयास यह है कि राज्य सरकारें स्थानीय स्वशासी निकायों के रूप में कार्य करें "जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 243जी में प्रावधान किया गया है।
यह पंजाब के गांवों की लड़ाई
नवजोत सिंह सिद्धू कहते हैं कि ये लड़ाई पंजाब के 13 हजार से ज्यादा गांवों की है। हम उन सभी के खिलाफ लड़ेंगे जो आजाद पंचायती राज की स्थापना के लिए खड़े हैं, न कि सत्तारूढ़ दल के उम्मीदवारों के खिलाफ। सड़क से लेकर अदालत तक, पंजाब के विकास का रास्ता इन पंचायतों के सशक्तिकरण से होकर गुजरता है। यह पंचायत स्तर पर आत्मनिर्भरता की लड़ाई है।
अब राजनीति में दोबारा सक्रिय होंगे सिद्धू
रोडरेज मामले में 1 साल की सजा पूरी करके निकले नवजोत सिंह सिद्धू तकरीबन 4 महीनों के बाद दोबारा राजनीति में सक्रिय नजर आएंगे। उनकी पत्नी डॉ. नवजोत कौर कैंसर से पीड़ित हैं। उनकी रिहाई से तकरीबन 1 सप्ताह पहले ही उनका मोहाली के प्राइवेट अस्पताल में ऑपरेशन हुआ था।
इसके एक महीने बाद ही उनकी कीमोथेरेपी शुरू हो गई। सिद्धू इस दौरान अधिकतर समय राजनीति से दूर रहे और परिवार के साथ ही समय बिताया। वह हर कीमोथेरेपी के बाद अपनी पत्नी डॉ. नवजोत और बच्चों को लेकर हिल स्टेशन व आध्यात्मिक स्थानों के टूर पर थे।
बीते सप्ताह ही डॉ. नवजोत कौर की अंतिम व पांचवीं कीमोथेरेपी पूरी हुई है। अब अगर सभी टेस्ट ठीक आए तो उनकी आगे कीमोथेरेपी नहीं होगी। जिसके बाद अब कयास यही है कि नवजोत सिद्धू दोबारा राजनीति में सक्रिय होंगे और पंजाब सरकार व विरोधियों पर धावा बोलेंगे।