भाजपा सरकार ने पंजाब के लाखों किसानों को केंद्रीय PM किसान निधि योजना से बाहर कर दिया है।

केंद्र की भाजपा सरकार ने पंजाब के लाखों किसानों को केंद्रीय PM किसान निधि योजना से बाहर कर दिया है।
इसको लेकर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग भड़क गए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों से किसान आंदोलन की रंजिश निकाली है।
पंजाब के करीब 17 लाख किसानों को केंद्रीय योजना के लाभ से वंचित कर दिया गया है।
राजा वड़िंग ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पंजाब के किसानों को लाभ से वंचित करने के लिए केंद्र सरकार ने अटपटा बहाना बनाया।
बताया गया कि प्रदेश के जिन किसानों को योजना से बाहर किया गया, उन्होंने अपने बैंक खातों से आधार को लिंक नहीं कराया और KYC प्रक्रिया को पूरा नहीं किया।
ऐसा कर पंजाब के करीब 17 लाख किसानों को लाभ से वंचित कर दिया गया है।
योजना से बाहर किए पंजाब के 17 लाख किसान
राजा वड़िंग ने कहा कि PM किसान योजना के तहत किसान को 6 हजार रुपए मुआवजा राशि दी जाती थी।
तीन साल पहले दिसंबर 2019 और मार्च 2020 में इस योजना के लाभार्थी किसानों की संख्या 23 लाख 13 हजार 13 लाभार्थी थी।
लेकिन इनकी संख्या कम होते-होते 2021 में 18 लाख रह गई। फिर साल 2022 में 17 लाख 13 हजार 808 और अप्रैल 2023 तक इन लाभार्थी किसानों की संख्या केवल 8 लाख 53 हजार 960 रह गई है।
इससे 23 लाख लाभार्थी किसानों के बजाय इनकी संख्या साढ़े 8 लाख रह गई है। सीधे तौर पर करीब 17 लाख किसानों को केंद्रीय प्रधानमंत्री निधि योजना से बाहर कर दिया गया।
दस्तावेज अपलोड न होने का बताया कारण
राजा वड़िंग ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने पंजाब के किसानों से किसानी आंदोलन की रंजिश निकाली है।
किसानों ने अपने हक के लिए संघर्ष किया। लेकिन भाजपा सरकार ने इस रंजिश का बदला किसानों को PM किसान योजना से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
इन किसानों को योजना से बाहर निकालने का कारण उनके द्वारा संबंधित दस्तावेज अपलोड नहीं करना बताया गया।
राजा वड़िंग ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को बाहर निकालने के लिए केवल बहाना बनाया है।
क्योंकि जब तीन साल पहले बिना दस्तावेजों के लाभ दिए गए तो फिर अब यह लाभ क्यों नहीं दिया जा सकता।