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कहीं Online Gaming बिगाड़ ना दे बच्चे का मानसिक संतुलन, समझदार पेरेंट्स को अपना लेनी चाहिए ये 5 बातें

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 Online Gaming बिगाड़ दे बच्चे का मानसिक संतुलन,

HARYANATV24: गेम्स का क्रेज इस कदर हावी है कि पढ़ाई लिखाई या कुछ क्रिएटिव सीखने की उम्र में बच्चे अपना ज्यादातर वक्त गेम्स खेलने में ही निकाल देते हैं। अगर आप भी उनकी ये आदत छुड़वाने को लेकर लाख कोशिशें करके थक चुके हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है। यहां हम आपको ऐसी 5 बातें बताएंगे जिन्हें फॉलो करके आप भी अपने बच्चे की ऑनलाइन गेमिंग को कंट्रोल में ला सकते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।

बातचीत करें

अगर आपका बच्चा भी ऐसे रिएक्ट करने लगा है तो आप उन्हें डांटने के बजाय उनसे बैठकर घुले मिलें और बातचीत करके ये जानने की कोशिश करें कि वो इन गेम्स को कैसे खेलते हैं और उन्हें इसमें क्या अच्छा लगता है। ध्यान रखिए कि जब बच्चा आपसे सीधे तौर पर एक दोस्त की तरह कनेक्ट करेगा तभी वह आपकी कही बात को मानेगा।

शेड्यूल पर गौर करें

माता पिता दोनों को ही अपने बच्चे के शेड्यूल के बारे में जानकारी रखनी चाहिए। कई बार बच्चे पूरे-पूरे दिन अपने रूम में क्या कर रहे हैं ये पेरेंट्स को पता ही नहीं होता है। आपको उनकी एक्टिविटीज पर थोड़ा ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही ये भी समझें कि आप एक ही दिन में उनकी ये लत छुड़वा नहीं सकते हैं, लेकिन अगर थोड़ा-थोड़ा रोज कोशिश करें और उनके साथ उठे बैठें, उन्हें कुछ नया सिखाएं तो गेमिंग की इस लत को बड़ा बनने से पहले ही रोक सकते हैं।

ऐज रेटिंग देखें

जिन गेम्स को आपका बच्चा बड़े शौक से खेलता है, गूगल प्ले स्टोर से उनकी ऐज रेटिंग भी देखें। अगर वो आपके बच्चे की उम्र से मेल नहीं खाती है तो उसे इसका फर्क समझाने और अवेयर करने की कोशिश करें, लेकिन ध्यान रहे कि आपका लहजा नर्म ही रहे। आप उन्हें ऑनलाइन गेम्स खेलने के नुकसानों से इंटरनेट पर मौजूद कुछ फैक्ट्स दिखाकर भी समझा सकते हैं, इससे शायद वो आपकी कही बातों को सीरियसली ही लें।

हिंसक गेम्स न खेलने दें

बच्चों को खासकर हिंसक या मारपीट वाले गेम्स खेलने से दूर ही रखें। ये उनके दिमाग पर गहरा असर डालते हैं। इनका इफेक्ट इतना खतरनाक है कि बच्चे का मन सचमुच बंदूक या चाकू चलाने का ही करने लगता है और मौका मिलने पर वे किसी भी बुरी घटना को अंजाम दे सकते हैं। इन्हें खेलने से वे गुस्सैल बन सकते हैं, जहां वे वर्चुअल और असल जिंदगी का फर्क ही भूल जाते हैं।

खुद पर भी दें ध्यान

अगर एक ओर आप उनसे ऑनलाइन गेम्स और मोबाइल से दूर रहने के लिए कह रहे हैं वहीं दूसरी तरफ खुद दिनभर मोबाइल से चिपके हुए हैं तो ऐसे में ये चीज आपके बच्चे पर गलत असर डालेगी और वो आपकी बातों को नहीं समझंगे। ऐसे में ध्यान रहे कि आप खुद भी उसके सामने इन गैजेट्स से थोड़ी दूरी बनाएं।

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