Health Tips: अगर जरूरत से ज्यादा करवायेंगे एक्स-रे, सीटी स्कैन तो हो सकती है ये गंभीर बीमारी
HARYANATV24: एक तरफ एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन व एमआरआई की सुविधा से डॉक्टरों द्वारा मरीजों का बेहतर इलाज करना आसान हुआ है, वहीं दूसरी तरफ इनके जरूरत से ज्यादा प्रयोग से लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। ऐसे में आमजन को समझना चाहिए कि वे सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही इनकी सेवाएं ले, नहीं तो भविष्य में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
नागरिक अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सरिता बिश्नोई ने बताया कि आजकल रेडियोलॉजी विभाग के बिना किसी भी अस्पताल में बेहतर इलाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
इसलिए रेडियोलॉजी विभाग को किसी भी अस्पताल का आईना कहा जा सकता है क्योंकि डॉक्टर द्वारा किसी भी मरीज का बेहतर और सूक्ष्मता से इलाज एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन व एमआरआई के बिना अब संभव नहीं है, लेकिन आजकल इनका जरूरत से ज्यादा प्रयोग होने लगा है।
जिससे लोग रेडिएशन की चपेट में आने से गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे है। नागरिक अस्पताल में रोजाना 180 से 200 के बीच में एक्स-रे, 15 से 20 सीटी स्कैन व 60 से 70 के बीच में अल्ट्रासाउंड हो रहे हैं।
सोनोलॉजिस्ट डॉ. गुलशन राय ने बताया कि मानव शरीर की बात की जाए तो एक वर्ष में मात्र 10 एक्स-रे से निकलने वाली रेडिएशन ही अपने शरीर के ऊपर पर झेल सकता है लेकिन उसके बाद यह खतरनाक होता जाता है। इसके प्रति लोगों में अभी भी जागरूकता की कमी है। जिससे लोग बीमारी की चपेट में आ रहे है।
रेडियोलॉजी ऑफिसर रविंद्र मलिक ने बताया कि एक्स-रे व सीटी स्कैन सबसे खतरनाक है। इससे जहां इलाज बेहतर हुआ है। वहीं इससे कैंसर का खतरा भी बढ़ा है। बता दें कि सिर का एक सीटी स्कैन 70 छाती के एक्स-रे के बराबर रेडिएशन रिलीज करता है। वैसे तो ये ना करवाएं तो बेहतर है लेकिन जरूरत पड़े तो एक ही सीटी स्कैन करवाना उचित है।