जानिए कहानी उस दिलेर महिला पुलिसकर्मी की जिन्होंने CM को किया था गिरफ्तार

HARYANATV24: पुलिस विभाग में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या पुरुषों की तुलना में भले ही कम हो लेकिन लगन और निष्ठा में वह किसी भी पुरुष से पीछे नहीं हैं। इन्हीं खाकीधारी महिलाओं में शामिल हैं डी रूपा।
आईपीएस डी रूपा के नाम कई उपलब्धियां हैं। उनकी दिलेरी के किस्से सुन न केवल पुलिसकर्मी, बल्कि हर महिला गर्व करेगी। अपराधी उनसे थरथर कांपते हैं। ईमानदारी और ड्यूटी के प्रति उनकी निष्ठा का पता इस बात से चलता हैं कि 20 साल के करियर में 40 बार आईपीएस डी रूपा का ट्रांसफर किया गया। चलिए जानते हैं कौन हैं आईपीएस डी रूपा मोदगिल? कैसा रहा उनका पुलिस विभाग में अब तक का करियर? जानते हैं आईपीएस डी रूपा के बहादुरी के किस्से।
IPS डी रूपा का जीवन परिचय
डी रूपा का पूरा नाम रूपा दिवाकर मोदगिल है। डी रूपा साल 2000 बैच की आईपीएस ऑफिसर हैं और कर्नाटक पुलिस विभाग में पोस्टेड हैं। डी रूपा का जन्म कर्नाटक के दावणगेरे में हुआ था। उनके पिता का नाम जे एच दिवाकर है जो कि एक रिटायर इंजीनियर हैं। डी रूपा ने कर्नाटक के ही कुवेम्पु विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई गोल्ड मेडल के साथ पूरी की। इसके बाद उन्होंने बेंगलुरु के विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में एमएससी किया।
डी रूपा की पहली पोस्टिंग और करियर
साल 2000 में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 43 हासिल की। इसके बाद हैदराबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी से ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग के दौरान अपने बैच में डी रूपा की 5वीं रैंक आई थी। इसके बाद उन्हें कर्नाटक कैडर में शामिल कर लिया गया। डी रूपा की पहली पोस्टिंग कर्नाटक के धारवाड़ जिले बतौर एसपी हुई। इसके बाद गदग जिले, बीदर और यादगीर जिले में भी एसपी के तौर पर कार्यरत रहीं। उन्होंने साल 2003 में आईएएस अधिकारी मुनीश मौदगिल से शादी कर ली।
मुख्यमंत्री को किया था गिरफ्तार
डी रूपा के काम करने के तरीके से अपराधी डरते थे लेकिन वह उस समय चर्चा में आई जब साल 2007 में उन्होंने मध्य प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती को गिरफ्तार कर लिया था। इसके एक साल बाद 2008 में डी रूपा ने पूर्व मंत्री यावगल को गिरफ्तार किया था। इतना ही नहीं इसी मामले में उन्होंने अपने विभाग के डीएसपी श्री मासुटी को भी सस्पेंड कर दिया।
आईपीएस डी रूपा के नाम उपलब्धि
आईपीएस डी रूपा ने अपने करियर में कई ट्रांसफर झेले। कई अपराधियों की धमकियां सुनी। पॉलिटिकल करप्शन के खिलाफ आवाज उठाई। अपने ही विभाग के घोटालेबाज वरिष्ठ और अधीनस्थ कर्मचारियों के नाम उजागर किए। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की सहयोगी वी के शशिकला पर कर्नाटक जेल के अधिकारियों के साथ अधिमान्य व्यवहार के आरोप लगाए थे। डी रूपा अपने राज्य में गृह सचिव के पद पर आसीन होने वाली पहली महिला हैं। वह देश की पहली महिला पुलिस अधिकारी भी हैं, जिन्हें पुलिस डिविजन में साइबर क्राइम की कमान सौंपी गई थी।