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दूसरे ने कहा- दोस्ती करो, हीरोइन बना दूंगा, कॉम्प्रोमाइज से हारकर बी ग्रेड फिल्में कीं

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गहना वशिष्ठ

उस शख्स ने अपने आप को बालाजी टेलीफिल्म्स का डायरेक्टर बताया। उसने कहा कि वह मुझे काम दिला देगा, बस एक ऑडिशन देना होगा।

वह मुझे अपने घर ले गया। वहां मुझे शराब पिलाई। शराब के नशे में उसने मेरा रेप कर दिया।’

यह बात एक्ट्रेस गहना वशिष्ठ ने Haryana tv24-को बताई है। गहना के मुताबिक, कई बार काम देने के नाम पर उनसे सेक्शुअल फेवर मांगा गया।

कई बार हैरेसमेंट हुआ। जब लगा कि मेनस्ट्रीम सिनेमा में काम नहीं मिल पाएगा, तब खर्चे निकालने के लिए उन्होंने बी ग्रेड फिल्मों का रुख किया।

मलयालम सिनेमा पर हेमा कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद एक्ट्रेसेस के साथ वर्क प्लेस पर होने वाले हैरेसमेंट पर फिर बात होने लगी है।

2018 में मीटू मूवमेंट के दौरान हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में पहले ही यह मुद्दा उठाया जा चुका है।

इसी सिलसिले में हमने गहना के अलावा एक और एक्ट्रेस निराली पंड्या से भी बात की।

उन्होंने भी बताया है कि कैसे कास्टिंग एजेंसी वालों ने उनके साथ गलत करने की कोशिश की थी।

केस-1: गहना वशिष्ठ मैं छत्तीसगढ़ के एक छोटे से गांव से आती हूं। मैं पढ़ाई में बहुत अच्छी थी।

IIT JEE में मेरी 163 वीं रैंक थी। हालांकि बचपन से एक्ट्रेस बनने का सपना था।

किसी न्यूज पेपर में हमारी छोटी सी फोटो आ जाए, यह भी बहुत बड़ी बात थी। शुरुआत में सिर्फ एक-दो प्रोडक्शन हाउस का नाम जानती थी।

इसमें बालाजी प्रोडक्शन के बारे में बहुत सुना था। उनके साथ काम करने का सपना था, लेकिन मुंबई आते ही एक अलग दुनिया से परिचय हुआ।

गहना वशिष्ठ 36 साल की हैं। फिलहाल वे फिल्म प्रोडक्शन में सक्रिय हैं।

गहना वशिष्ठ 36 साल की हैं। फिलहाल वे फिल्म प्रोडक्शन में सक्रिय हैं। पहला आरोप- सलमान खान की फिल्म में काम दिलाने के बहाने को-ऑर्डिनेटर ने प्रोड्यूसर के पास भेजा मैं 2011 में पहली बार मुंबई आई। मुंबई आने से पहले ही राजेश निराला नाम के एक को-ऑर्डिनेटर से बात हो गई थी।

उसने बताया था कि वह मुझे फिल्मों में काम दिला देगा। मुंबई आते ही उससे मिली। उसने मुझसे कहा कि वह मुझे सलमान खान की फिल्म में काम दिलाएगा।

यह सुनते ही मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

एक हफ्ते के बाद वह मुझे एक प्रोड्यूसर के पास ले गया। वहां जाते ही उसने मुझे कमरे के अंदर धकेल दिया और बाहर से दरवाजा बंद कर दिया।

कमरे के अंदर प्रोड्यूसर ने मेरे साथ जबरदस्ती की, जिससे मेरे कपड़े फट गए। जब मैंने चिल्लाना शुरू किया तो उसने मुझे छोड़ दिया। जैसे-तैसे वहां से भाग निकली।

पहला एक्सपीरियंस ही बहुत खराब हो गया।

दूसरा आरोप- खुद को डायरेक्टर बताने वाले शख्स ने शराब पिलाकर रेप किया 2012 की बात है, मुझे मुंबई आए एक साल हो गए थे। घर चलाने के लिए काम मिलना जरूरी था।

एक रोज मेरी मुलाकात एक शख्स से हुई। उसने अपना नाम प्रवीण जोहान बताया और कहा कि वह बालाजी टेलीफिल्म्स में डायरेक्टर है।

मैं उसकी बातों में आ गई। उसने मुझे अपने घर बुलाया। वहां उसने कहा कि अगर तुम्हें फिल्मों में काम करना है, तो थोड़ा खुलना पड़ेगा।

उसने मुझसे पास रखी शराब पीने को कहा।

मैंने मना किया तब उसने कहा कि फिल्म में एक सीन है, जहां तुम्हें शराब पीना है, इसलिए मेरे सामने पहले एक डेमो दिखाओ। उसने मुझे चालाकी से खूब ज्यादा शराब पिलाई। जब मैं पूरी तरह नशे में थी, तो उसने मेरा रेप कर दिया।

होश आने के बाद मैं लड़खड़ाते हुए वहां से निकली और उस घर के सामने एक गड्ढे में जा गिरी। किसी ने मुझे वहां से उठाया और घर तक छोड़ दिया।

इस घटना के बाद मैं एक हफ्ते तक हॉस्पिटल में रही।

गहना वशिष्ठ

हिंदी फिल्मों में काम नहीं मिला तो गहना ने साउथ सिनेमा का रुख किया। वहां उन्होंने 2 दर्जन से ज्यादा फिल्मों में काम किया। तीसरा आरोप- डायरेक्टर साई कबीर ने कमर पर हाथ फेरा, कहा- दोस्ती कर लो हीरोइन बना दूंगा मैं जिस किसी प्रोड्यूसर के पास काम मांगने जाती, हर जगह कॉम्प्रोमाइज करने को कहा जाता। 5-6 साल पहले की बात है।

मैं डायरेक्टर साई कबीर से मिलने गई। किसी ने बताया कि उनसे मिल लो, काम मिल जाएगा।

चूंकि साई कबीर ने कंगना रनोट की फिल्म रिवॉल्वर रानी और टीकू वेड्स शेरू का डायरेक्शन किया था, इसलिए वे मुझे प्रभावी व्यक्ति लगे।

जब उनके घर गई तो टेबल पर हर जगह शराब की बोतलें रखी हुई थीं। वे मेरे बगल में आकर बैठे और कमर पर हाथ फेरने लगे।

उन्होंने कहा कि मुझसे दोस्ती कर लो, हीरोइन बना दूंगा। मैंने कहा कि सर मैं अपनी चाबी भूल आई हूं, मुझे अभी निकलना होगा।

उन्होंने कहा कि दोबारा तो आओगी न? बिना कुछ बोले, मैं वहां से निकल गई।

इन आरोपों की पुष्टि के लिए हमने साई कबीर से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन लगातार बंद आ रहा है।

चौथा आरोप- एक बहुत बड़े प्रोड्यूसर और म्यूजिक कंपनी के मालिक ने कॉम्प्रोमाइज करने को कहा मैं एक को-ऑर्डिनेटर से मिली, उसने इंडस्ट्री के बहुत बड़े प्रोड्यूसर और म्यूजिक कंपनी के मालिक से मेरी मुलाकात कराई। उस प्रोड्यूसर ने कहा कि गहना, तुम बहुत टैलेंटेड हो, तुम्हें मैं अपने किसी प्रोजेक्ट में काम दे दूंगा, बस तुम्हें मेरे साथ कमरे में चलना होगा। मैं उनकी नीयत समझ गई। इसके बाद उन्होंने कई बार मुझसे कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की, लेकिन मैंने उन्हें रिस्पॉन्स नहीं दिया।

मैं एक सफल हीरोइन बनने का सपना लेकर मुंबई आई थी, लेकिन मेरे साथ इतनी घटनाएं हो गईं कि मैं अंदर से पूरी तरह टूट गई।

अब सवाल यह है कि अगर इतने सालों से आपका शोषण हुआ है, तो इसकी शिकायत पुलिस में क्यों नहीं की? गहना ने कहा- आवाज उठाने के लिए काफी हिम्मत चाहिए। डर लगता था कि अगर बोल दिया तो इंडस्ट्री से बाहर कर देंगे। तनुश्री दत्ता का केस भी तो पहले ही हो गया था, लेकिन जुबान तो उन्होंने मीटू मूवमेंट के वक्त ही खोली। वे जानती थीं कि अगर उस वक्त कुछ बोला तो काम नहीं मिल पाएगा। एक एक्ट्रेस के लिए यह बड़ी खराब स्थिति होती है।

केस-2: निराली पंड्या मेरी फैमिली गुजराती है, लेकिन मैं रहने वाली मुंबई की हूं। मैंने एक गुजराती फिल्म में काम किया है, साथ ही कुछ बड़े ऐड वीडियोज में भी नजर आ चुकी हूं। बचपन से फेम चाहिए था, लेकिन इंडस्ट्री में आने पर पता चला कि यहां सफल होने के लिए काफी कुछ झेलना पड़ता है।

निराली इस वक्त महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र और सक्षम बनाने के लिए एक मुहिम का नेतृत्व कर रही हैं।

निराली इस वक्त महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र और सक्षम बनाने के लिए एक मुहिम का नेतृत्व कर रही हैं।

कास्टिंग वाले गलत नजर से देखते थे, दोस्ती करने को कहते थे 2018 में मेरे करियर की शुरुआत हुई। फैमिली को पसंद नहीं था कि मैं फिल्म इंडस्ट्री में काम करूं। उन्होंने मुझे पहले ही आगाह कर दिया था कि इंडस्ट्री में सर्वाइव करना, खासकर लड़कियों के लिए आसान नहीं है। जैसे-तैसे करके उन्होंने मुझे इंडस्ट्री जॉइन करने की परमिशन दे दी।

मैंने ऑडिशन देने शुरू किए। कई कास्टिंग एजेंसियों से संपर्क किया। एक बार सिलेक्शन भी हो गया था, लेकिन जब बातचीत करने पहुंची तो अनुभव बुरा रहा। कास्टिंग वाले गलत नजर से देखते थे। मेरे बगल में आकर बैठ जाते थे। इधर-उधर हाथ फेरने लगते थे। कहते थे कि अगर तुम्हें आगे बढ़ना है, तो दोस्ती करनी पड़ेगी। कॉम्प्रोमाइज करने को वे दोस्ती का नाम देते थे। ऐसा एक बार नहीं, कई बार हुआ। फिर मुझे समझ में आ गया कि आखिर घरवाले क्यों नहीं चाहते थे कि मैं फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा बनूं।

इन सब चीजों से बचने के लिए मैंने ऑडिशन और कास्टिंग एजेंसी से दूरी बना ली। फिलहाल मैंने अपना पॉडकास्ट शुरू किया है। महिलाओं के उत्थान के लिए भी काम कर रही हूं। अब अगर सामने से कोई ऑफर आया तो देखूंगी, लेकिन खुद से तो काम मांगने नहीं जाऊंगी।

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