Main Logo

Travel: इस मंदिर में आज भी मौजूद हैं महाभारत काल के अवशेष, पांडवों से जुड़ा है नाम

 | 
पांडवों से जुड़ा है ये चमत्कारी मंदिर

HARYANATV24: देश में कई ऐसे मंदिर हैं जिनसे रोचक इतिहास जुड़ा हुआ है. इन्हीं में से एक मंदिर उत्तर प्रदेश के हस्तिनापुर में मौजूद है जिसे पांडवेश्वर मंदिर के रूप में जाना जाता है. इसका संबंध महाभारत काल से है और पांडव यहां पूजा किया करते थे. हस्तिनापुर में प्राचीन पांडवेश्वर मंदिर, पांडव टीला और काली माता मंदिर है.

यहां वो पवित्र शिंवलिग है जिसकी पूजा अर्चना पांडव किया करते थे. इसके दर्शनों के लिए आज भी देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं.

पांडवेश्वर मंदिर कैसे पहुंचे?

देश के किसी भी कोने से यहां सड़क मार्ग के जरिए पहुंचा जा सकता है. जिसका नजदीकी रेलवे स्टेशन मेरठ है. मेरठ से एसी और नॉन एसी बसें हस्तिनापुर के लिए मिल जाएंगी जो 1 घंटे में पांडवेश्वर मंदिर के पास वाले स्टॉपेज पर उतार देती हैं. यहां से पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचा सकता है.

पांडवों ने किया था मंदिर का निर्माण

कहा जाता है कि प्राचीन पांडवेश्वर महादेव मंदिर को पांडवों ने बनवाया था और पूजा-अर्चना के लिये पांडव पांडवेश्वर मंदिर भी आया करते थे. यहां दर्शन के लिए दूर दराज से लोग आते हैं. सावन महीने में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ इस मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ती है।

मंदिर में मौजूद है विशाल बरगद का पेड़

पांडवेश्वर महादेव मंदिर के अंदर एक विशाल बरगद का पेड़ भी मौजूद है जिसके बारे में माना जाता है की ये हजारों साल पुराना है. इसलिए जो भक्त दर्शनों के लिए मंदिर आते है वो प्राचीन विशाल बरगद को भी जल अर्पित करते हैं.

महाभारत काल के अवशेष मौजूद

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने जब भी पांडव टीले में खुदाई की तो उन्हें कुछ ना कुछ अवशेष उन्हें मिले. काफी समय से भारतीय पुरातत्व विभाग ने पांडव टीले की खुदाई नहीं की है क्योंकि उनका मानना है कि इससे पांडव टीले के वास्तविक स्वरूप को नुकसान पहुंच सकता है।

किन चीजों का रखें ध्यान

सुमित ने बातचीत में बताया कि अगर आप भी पांडवों के मंदिर दर्शन के लिये आ रहे हैं तो बंदरों से सावधान रहें. हस्तिनापुर वाइल्ड लाइफ एरिया है जहां सिर्फ बंदर ही नहीं कई दूसरे जानवर भी मौजूद हैं।

Around The Web

Trending News

You May Like

Recommended